बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-1 अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 अर्थशास्त्र के प्रश्नोत्तर
प्रश्न- बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले तत्वों को बताइए।
उत्तर -
(Factors Affecting the Extent of Market)
बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले तत्व निम्नलिखित हैं
(A) वस्तु की विशेषताएँ (Characteristics of the Commodity)- किसी वस्तु के विस्तृत बाजार के लिए उस वस्तु में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए-
1. वस्तु की सर्वव्यापक माँग (Universal Demand of Commodity)- बाजार के विस्तार के लिए वस्तु की माँग का व्यापक होना अनिवार्य है। वस्तु की माँग जितनी व्यापक होगी वस्तु का बाजार उतना ही विस्तृत होगा। उदाहरण के लिये, गेहूँ कपास, सोना, चावल, चाँदी आदि वस्तुओं की माँग विश्वव्यापी है। परिणामस्वरूप इन वस्तुओं का बाजार विस्तृत है।
2. टिकाऊपन (Durability)- टिकाऊ वस्तुओं को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है इसलिये इन वस्तुओं का बाजार व्यापक होता है इसलिए कपड़ा, कपास, चाँदी, सोना अनाज आदि वस्तुओं की माँग सर्वव्यापक है जबकि शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं जैसे मछली, दही, दूध, सब्जी, आदि का बाजार सीमित है।
3. वहनीयता (Portability)- बाजार के विस्तार के लिए वस्तु का वहनीय होना आवश्यक है। प्रायः जो वस्तुएं एक स्थान से दूसरे स्थान को आसानी से लायी और ले जायी जाती है उन वस्तुओं का बाजार व्यापक होता है। उदाहरण के लिए सोना, चाँदी, हीरे, जवाहरात आदि।
4. शीघ्रबोधिता (Cognizability)- वस्तु के बाजार को विस्तृत करने में शीघ्रबोधिता तथा ग्रेडिंग का योगदान होता है। जिन वस्तुओं को उपभोक्ता आसानी से पहचान सके या जिन वस्तुओं के दोषों की जानकारी उन्हें होती है उन वस्तुओं का बाजार विस्तृत होता है।
5. पूर्ति की पर्याप्तता (Adequacy of Supply)- उन वस्तुओं का बाजार व्यापक होता है। जिन वस्तुओं की पूर्ती उनकी माँग के अनुरूप कर ली जाती है। यदि वस्तु की पूर्ती उसकी मॉग के अनुरूप नहीं बढ़ायी जाती है तो उपभोक्ता उस वस्तु के स्थान पर किसी दूसरी वस्तु का उपयोग करने लगेंगे। अतः वस्तु का बाजार सीमित हो जायेगा।
6. स्थानापन्न वस्तुओं की संख्या (Number of Substitutes )- स्थानापन्न वस्तुएँ भी बाजार के विस्तार को प्रभावित करती हैं जिन वस्तुओं की स्थानापन्न वस्तुएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होती हैं उन वस्तुओं का बाजार सीमित होता है क्योंकि ऐसी वस्तुओं के न मिलने पर उपभोक्ता दूसरी वस्तुओं से काम चला लेता है। यदि किसी वस्तु की स्थानापन्न वस्तुएं उपलब्ध नहीं होती हैं तो वस्तु का बाजार विस्तृत होगा।
(B) देश की आन्तरिक दशाएँ (Internal Conditions of the Country)- देश की आन्तरिक दशाओं का प्रभाव बाजार के विस्तार पर पड़े बिना नहीं रह सकता है कुछ आन्तरिक कारणों को नीचे दिया जा रहा है जो बाजार के विस्तार को प्रभावित करते हैं।
1. मुद्रा की स्थिरता तथा व्यवस्थित बैंकिंग व्यवस्था (Stability of Currency and Sound Banking System)- वस्तु का बाजार देश की सुदृढ़ मौद्रिक एवं बैंकिंग व्यवस्था से भी विस्तृत होता है। मुद्रा प्रणाली में अस्थिरता होने पर वस्तुओं के मूल्यों में अत्यधिक उच्चावचन होते रहते हैं जिससे व्यापार पर बुरा प्रभाव पडता है और बाजार संकुचित हो जाता है इसी प्रकार कुशल बैंकिंग प्रणाली से व्यापारियों को पर्याप्त साख उपलब्ध होती है जिसमें बाजार का विस्तार होता है।
2. यातायात व संवादवाहन के साधन (Means of Transport and Comm unication)- बाजार विस्तार यातायात के साधनों से प्रभावित होता है। ज्यों-ज्यों यातायात व संचार के साधनों का विकास होता जायेगा क्यें-क्यें वस्तु का बाजार भी व्यापक होता जायेगा क्योंकि उत्पादित वस्तुओं को दूर-दूर तक लाया और ले जाया जा सकता है।
3. व्यापार का वैज्ञानिक तरीका (Scientific Business Method) व्यापार करने का वैज्ञानिक तरीका भी बाजार के विस्तार को प्रभावित करता है। इसमे सबसे महत्वपूर्ण साधन विज्ञापन है। विज्ञापन का जितना अधिक और व्यापक विस्तार होगा। वस्तु का बाजार भी उतना अधिक विस्तृत होगा।
4. श्रम विभाजन (Division of Labour)- श्रम विभाजन बाजार के विस्तार या विकास में सहायक होता है। श्रम विभाजन से बड़े पैमाने का उत्पादन किया जाता है उत्पादन लागत में कमी आती है सूक्ष्म से सूक्ष्म वस्तुओं का उत्पादन भी आसानी से कर लिया जाता है और वस्तुएँ भी आकर्षक बनती हैं इन सब प्रामाणिक बातों के कारण वस्तु के बाजार का विस्तार होता है।
5. शान्ति एवं सुरक्षा (Peace and Security)- वस्तु के बाजार पर देश की शान्ति एवं सुरक्षा का भी प्रभाव पड़ता है। देश की शान्ति व्यवस्था बाजार का विस्तार करती है जबकि देश की अशान्ति बाजार को संकुचित कर देती है।
6. सरकार की व्यापारिक नीति (Commercial Policy of the Government)- बाजार का विस्तार उस समय होगा जबकि देश के भीतर तथा बाहर स्वतन्त्र व्यापार की नीति अपनायी जा रही है और कर प्रणाली न्यायोचित है। इसके विपरीत यदि एक देश से दूसरे देश को या एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं को लाने व ले जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिये जाते हों या आयात तथा निर्यात करो की दरों में वृद्धि की गयी है तो बाजार का विस्तार नहीं होगा।
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- प्रश्न- व्यष्टि अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- उत्पादन सम्भावना वक्र व अवसर लागत को समझाइये।
- प्रश्न- आर्थिक प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इनके प्रकार समझाइये। विभिन्न आर्थिक प्रणालियों में आने वाली समस्याएँ कौन-सी हैं तथा इनमें समस्याओं का समाधान बताइये।
- प्रश्न- आर्थिक प्रणाली की परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक प्रणालियों के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- आर्थिक प्रणाली के कार्य अथवा अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्याएँ इंगित कीजिए। विभिन्न आर्थिक प्रणालियों में इनका समाधान कैसे होता है?
- प्रश्न- "चुनाव की समस्या एक आर्थिक समस्या है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- चुनाव की समस्या को एक मितव्ययिता की समस्या क्यों कहा जाता है?
- प्रश्न- चुनाव की समस्या क्या है?
- प्रश्न- चुनाव की समस्या के आधार बताइए।
- प्रश्न- सूक्ष्म एवं व्यापक अर्थशास्त्र में भेद कीजिए।
- प्रश्न- दुर्लभता की समस्या बताइये।
- प्रश्न- माँग से आप क्या समझते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
- प्रश्न- माँग से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- माँग के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- माँग तालिका से आप क्या समझते हैं? माँग तालिका तथा माँग वक्र में सम्बन्ध बताइए।
- प्रश्न- माँग तालिका से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- माँग तालिका तथा माँग वक्र में सम्बन्ध बताइए।
- प्रश्न- माँग के नियम की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए। इस नियम की सीमाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- माँग के नियम का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- माँग के नियम की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- माँग के नियम की सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- पूर्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ति तालिका किसे कहते है?
- प्रश्न- पूर्ति तालिका कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- पूर्ति का अर्थ स्पष्ट करते हुए यह बताइए कि पूर्ति तालिका किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- पूर्ति वक्र किसे कहते हैं?
- प्रश्न- पूर्ति वक्र की मान्यताएं लिखिए।
- प्रश्न- पूर्ति वक्र किसे कहते है? इसकी मान्यताएं भी बताइए।
- प्रश्न- माँग के नियम के लागू होने के कारण सचित्र समझाइए।
- प्रश्न- क्या माँग-वक्र ऊपर भी उठ सकता है?
- प्रश्न- पूर्ति की रेखा ऊपर की ओर क्यों जाती है?
- प्रश्न- बाजार सन्तुलन को समझाइए।
- प्रश्न- माँग को प्रभावित करने वाले प्रमुख घटकों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- माँग में विस्तार एवं माँग में वृद्धि को सचित्र समझाइए।
- प्रश्न- 'आय माँग वक्र' घनात्मक ढाल व्याख्या क्यों होता है?
- प्रश्न- बाजार बनाम व्यक्तिगत मांग' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पूर्ति में परिवर्तन से क्या आशय है?
- प्रश्न- पूर्ति को प्रभावित करने वाले तत्वों को बताइए।
- प्रश्न- शून्य ढाल को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच को समझाइए।
- प्रश्न- माँग की कीमत लोच के भेद या श्रेणियाँ बताइये।
- प्रश्न- माँग की लोच को समझाइए तथा माँग की कीमत लोच की श्रेणियों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच मापने की आनुपातिक विधि को बताइये।
- प्रश्न- माँग की लोच मापने की कुल व्यय विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच मापने की बिन्दु विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच मापने की सीमान्त आगम तथा औसत आगम विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माँग के नियम तथा माँग की लोच में अन्तर स्पष्ट कीजिए। माँग की लोच को कैसे मापा जा सकता है?
- प्रश्न- माँग की मूल्य सापेक्षता के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "माँग की कीमत, लोच, आय और प्रतिस्थापन-लोच के बीच एक प्रकार की सन्धि है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- माँग की आय लोच की श्रेणियों को सचित्र समझाइये।
- प्रश्न- स्थानापन्न, पूरक तथा स्वतन्त्र वस्तुओं में मांग की आड़ी लोच को समझाइए।
- प्रश्न- माँग की लोच को प्रभावित करने वाले तत्व क्या हैं
- प्रश्न- माँग की लोच को मापने की मुख्य विधियों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- माँग की लोच के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- माँग की लोच के विचार का महत्व समझाइए।
- प्रश्न- उपयोगिता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उपयोगिता के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- उपयोगिता की विशेषतायें बताइए।
- प्रश्न- उपयोगिता का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसके प्रकारों एवं विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- "जैसे-जैसे किसी वस्तु की अधिक इकाइयों का उपयोग किया जाता है तो कुल उपयोगिता अंत में घटती हुयी दर से बढती है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम के अपवाद तथा सीमाओं की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सम-सीमान्त उपयोगिता नियम की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सम-सीमान्त उपयोगिता नियम की मान्यताओं को बताइये।
- प्रश्न- सम-सीमान्त उपयोगिता नियम की सीमाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सम-सीमान्त उपयोगिता नियम के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "उपयोगिता एक क्रमवाचक विचार है न कि गणनावाचक विचार।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता व कुल उपयोगिता में सम्बन्ध समझाइए।
- प्रश्न- सीमान्त उपयोगिता और कुल उपयोगिता में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र विश्लेषण की मान्यतायें बताइए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र विश्लेषण की विशेषताओं को बताइए।
- प्रश्न- कीमत प्रभाव से आप क्या समझते हैं? चित्र सहित समझाइये।
- प्रश्न- कीमत उपभोग वक्र को चित्र सहित समझाइये।
- प्रश्न- कीमत, आय एवं प्रतिस्थापन प्रभाव का सम्बन्ध दर्शाइये।
- प्रश्न- आय प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आय प्रभाव कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- प्रतिस्थापन की लोच से आप क्या समझते है? यह कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- प्रतिस्थापन की लोच कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- घटती हुयी सीमान्त प्रतिस्थापन दर की सचित्र व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र बाएं से दाएं नीचे की ओर गिरता है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्र द्वारा उपभोक्ता सन्तुलन की शर्तों को समझाइए।
- प्रश्न- उपभोक्ता वेशी की परिभाषा दीजिए। इसे आप किस प्रकार मापेंगे?
- प्रश्न- तटस्थता वक्र क्या है? उपभोक्ता के सन्तुलन को तटस्थता वक्र द्वारा समझाइये।
- प्रश्न- बजट रेखा को समझाइये।
- प्रश्न- तटस्थता वक्रों से माँग वक्र का व्युत्पादन समझाइये।
- प्रश्न- उदासीनता वक्रों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उदासीनता वक्र विश्लेषण के दोष बताइए।
- प्रश्न- 'गिफिन वस्तुओं' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीमान्त प्रतिस्थापन पर घटती हुई क्यों होती है?
- प्रश्न- 'एंजेल वक्र' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- तटस्थता वक्रों की सहायता से मूल्य प्रभाव का आय प्रभाव तथा प्रतिस्थापन प्रभाव में विखण्डन कीजिए। इसे x तथा y अक्ष पर कैसे प्रदर्शित किया जाएगा?
- प्रश्न- सीमान्त प्रतिस्थापन दर को समझाइए।
- प्रश्न- तटस्थता तालिका पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- क्या आपके विचार से तटस्थ वक्र रेखा प्रणाली मार्शल के उपयोगिता विचार से श्रेष्ठ है? अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।
- प्रश्न- किसी वस्तु की कीमत निर्धारण में समय तत्व के महत्व का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- आय प्रभाव ऋणात्मक भी हो सकता है। समझाइये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त को रेखाचित्र की सहायता से समझाइये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त की आलोचना कीजिए।
- प्रश्न- उपभोग सिद्धान्त की आधारभूत प्रमेय बताइये।
- प्रश्न- प्रकटित अधिमान सिद्धान्त की मार्शल के उपयोगिता विश्लेषण तथा जे आर हिक्स के उदासीनता वक्र विश्लेषण पर श्रेष्ठता बताइये।
- प्रश्न- उत्पादन फलन की व्याख्या कीजिए। अल्पावधि एवं दीर्घावधि के उत्पादन फलन में क्या अंतर है?
- प्रश्न- उत्पादन फलन की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- उत्पादन फलन की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उत्पादन फलन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समोत्पाद वक्रों का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा उनकी विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- समोत्पाद वक्र की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- समोत्पाद वक्रों एवं उदासीनता वक्रों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- समोत्पाद वक्रों की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- उत्पादन फलन कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- अल्पकालीन उत्पादन फलन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- दीर्घकालीन उत्पादन फलन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- ऋजु रेखाओं को समझाइए।
- प्रश्न- कॉब डगलस उत्पादन-फलन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- "समोत्पाद वक्र का केवल वही भाग उत्पादन के लिये उपयुक्त है जो परिधि रेखाओं के बीच में आता है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उत्पत्ति वृद्धि नियम से आप क्य समझते हैं?
- प्रश्न- उत्पत्ति वृद्धि नियम की क्रियाशीलता के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परिवर्तनशील अनुपातों के नियम का कथन दीजिए और उसकी व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्पत्ति ह्रास नियम की मान्यताओं को बताइये।
- प्रश्न- उत्पत्ति ह्रास नियम के क्षेत्र की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्पति ह्रास नियम का क्या महत्व है?
- प्रश्न- उत्पत्ति ह्रास नियम का प्रयोग किन-किन क्षेत्रों में होता है?
- प्रश्न- परिवर्तनशील अनुपातों के नियम तथा पैमाने के प्रतिफल में क्या अन्तर है? सचित्र व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- उत्पादन ह्रास नियम को समझाइये।
- प्रश्न- उत्पत्ति के नियम किसे कहते हैं?
- प्रश्न- पैमाने के स्थिर प्रतिफल क्या हैं?
- प्रश्न- पैमाने के स्थिर प्रतिफल के कारण बताइये?
- प्रश्न- पैमाने के घटते हुए प्रतिफल क्या हैं?
- प्रश्न- पैमाने के घटते हुए प्रतिफल के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- पैमाने के प्रतिफल से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- बड़े पैमाने की उत्पत्ति से क्या अभिप्राय है?
- प्रश्न- पैमाने के बढ़ते हुए प्रतिफल क्या हैं?
- प्रश्न- बढ़ते हुए पैमाने के प्रतिफल को लागू होने के कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'विस्तार पथ' की सचित्र व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पैमाने के प्रतिफल के निर्धारक तत्वों को बताइए।
- प्रश्न- मौद्रिक लागत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वास्तविक लागत की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत के विचार की आलोचनायें कीजिए।
- प्रश्न- कुल लागत का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्थायी लागत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- परिवर्तनशील लागत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वास्तविक लागत तथा अवसर लागत के अन्तर स्पष्ट कीजिए। अवसर लागत के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त लागत का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- लागत वक्र U-आकृति के क्यों होते हैं?
- प्रश्न- औसत लागत वक्र तथा सीमान्त लागत वक्र का आकार की तरह क्यों होता है?
- प्रश्न- "परिवर्तनशील कुल लागत, कुल लागत तथा स्थिर लागत में अन्तर होता है।" चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मूल्य तल (Price Floors) को समझाइये।
- प्रश्न- मूल्य सीमा (Price Ceilings) को समझाइये।
- प्रश्न- बाजार से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- क्षेत्र के आधार पर बाजार का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- समय के आधार पर बाजार का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- प्रतियोगिता के आधार पर बाजार का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- बाजार के विस्तार को प्रभावित करने वाले तत्वों को बताइए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता के लिए किन-किन दशाओं की आवश्यकता है? समझाइये।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत फर्म के सन्तुलन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता में अल्पकाल में फर्म लाभ, हानि या शून्य लाभ किसी भी स्थिति को प्राप्त कर सकती है, किन्तु दीर्घकाल में वह केवल शून्य लाभ की ही स्थिति की प्राप्त करेगी। इस कथन को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण रूप से व्याख्या कीजिए कि पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत मूल्य का निर्धारण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत दीर्घकाल में मूल्य कैसे निर्धारित होता है?
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता एवं विशुद्ध प्रतियोगिता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "पूर्ण प्रतियोगिता की दशा में फर्म की समस्या केवल उत्पादन की मात्रा निर्धारित करना है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- "पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत माँग रेखा OX अक्ष रेखा के समान्तर होती है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अपूर्ण प्रतियोगिता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- एकाधिकृत प्रतियोगिता के अंतर्गत मूल्य निर्धारण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- एकाधिकृत प्रतियोगिता में फर्म के अल्पकालीन साम्य को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एकाधिकृत प्रतियोगिता में फर्म का दीर्घकालीन साम्य को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पूर्ण प्रतियोगिता एवं एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- एकाधिकार और एकाधिकारात्मक प्रतियोगिता में अन्तर लिखें।
- प्रश्न- अल्पाधिकार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अल्पाधिकार की विशेषतायें बताइए।
- प्रश्न- अल्पाधिकार के अन्तर्गत कीमत निर्धारण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- अल्पाधिकारी फर्म अपने विक्रयों को कैसे अधिकतम करती है। बॉमोल का विक्रय अधिकतमीकरण मॉडल लाभ अधिकतमीकरण मॉडल से कैसे श्रेष्ठ है?
- प्रश्न- अल्पाधिकार के 'विकुंचित माँग वक्र' सिद्धान्त को समझाइए।
- प्रश्न- कूर्नो मॉडल की आलोचनाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- कम लागत कीमत नेतृत्व मॉडल समझाएँ।
- प्रश्न- कीमत दृढ़ता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- बैरी मीट्रिक कीमत नेतृत्व मॉडल को समझाइए।
- प्रश्न- भेदभावपूर्ण एकाधिकार के अन्तर्गत मूल्य किस प्रकार निर्धारित होता है? मूल्य विभेद कब सम्भव एवं वांछनीय है?
- प्रश्न- एकाधिकार क्या है? एकाधिकार के अन्तर्गत कीमत का निर्धारण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- क्या एकाधिकारी मूल्य सदैव प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य से ऊँचा रहता है?
- प्रश्न- एकाधिकार शक्ति की माप पर एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कीमत विभेद से आप क्या समझते है?
- प्रश्न- कीमत विभेद कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- कीमत विभेद के लाभ बताइए।
- प्रश्न- कीमत विभेद से हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- विभेदकारी एकाधिकार क्या है? विभेदकारी एकाधिकारी बाजार में कीमत उत्पादन का निर्णय कैसे करता है?
- प्रश्न- राशिपातन कीमत विभेद की एक विशिष्ट दशा है। समझाइये।
- प्रश्न- सीमान्त लागत मूल्य निर्धारण के लाभ एवं हानियाँ का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- बाह्यताएँ क्या हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सीमान्त लागत मूल्य निर्धारण क्या है?
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुओं का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- प्रतिकूल चयन का अर्थ बताइये।
- प्रश्न- नैतिक खतरा क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिकूल चयन और नैतिक जोखिम के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक चयन का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- अपूर्ण सूचना क्या है?
- प्रश्न- बाजार विफलता का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं बाजार विफलता के कारण बताइये।
- प्रश्न- बाजार विफलता को ठीक करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- वितरण के सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वितरण के सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइए।
- प्रश्न- वितरण के सीमान्त उत्पादकता सिद्धान्त की आलोचनाएँ बताइए।
- प्रश्न- सीमान्त भौतिक उत्पादकता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वितरण का आधुनिक सिद्धान्त समझाइए।
- प्रश्न- "वितरण का सिद्धान्त मुख्यतः एक मूल्य सिद्धान्त है।' विवेचना कीजिए तथा परीक्षण कीजिए कहाँ तक मूल्य का सिद्धान्त वितरण के सिद्धान्त में प्रयोग किया जा सकता है?
- प्रश्न- मजदूरी के आधुनिक सिद्धान्त को समझाइये।
- प्रश्न- मजदूरी किस प्रकार निर्धारित होती है? श्रम संघ मजदूरी की दर को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
- प्रश्न- लगान के आधुनिक सिद्धान्त के प्रमुख तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लगान उत्पन्न होने के कारणों को बताइए।
- प्रश्न- लगान के आधुनिक सिद्धान्त की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मजदूरी क्या है? इसको प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- लगान के आधुनिक सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन से क्या आप समझते हैं? वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- पैरेटो अनुकूलतम से क्या अभिप्राय है? उपयुक्त चित्रों द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रतियोगी बाजार में पैरेटो द्वारा निर्धारित 'सर्वोत्तम संयोग' की शर्तों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र को समझाइये।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषा बताइये।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र की प्रकृति स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र वास्तविक अर्थशास्त्र से किस प्रकार से भिन्न है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रो. पीगू द्वारा सामान्य कल्याण एवं आर्थिक कल्याण में भेद को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत कल्याण तथा सामाजिक कल्याण को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्या सामाजिक कल्याण की माप सम्भव है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पैरेटो का कल्याणकारी अर्थशास्त्र स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पैरेटो के कल्याणकारी अर्थशास्त्र का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- पैरेटो की अनुकूलतम मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पैरेटो के कल्याणकारी अर्थशास्त्र की आलोचना कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन किस प्रकार मूल्य निर्णयों पर आधारित है?
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन की आलोचना कीजिए।
- प्रश्न- सामाजिक कल्याण फलन की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- नवीन कल्याणकारी अर्थशास्त्र क्या है? व इसकी मान्यताएँ क्या है?